सस कैसे बनते हैं
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संतकबीर नगर, दिलीप पाण्डेय। ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे लोकसभा चुनाव में पुलिस महकमे को बदमाशों से ज्यादा शरीफों से खतरा है। शायद इसी वजह से पुलिस गांव, मोहल्ले, कस्बे में गए बगैर थाने व चौकी से ही ऐसे लोगों को चिह्नित कर ले रही है। थानेदार व चौकी इंचार्ज के खासमखास जिसे आपराधिक प्रवृत्ति का बताते हैं, ये उसे सीआरपीसी की धारा में निरोधात्मक कार्रवाई कर दे रहे हैं। न किसी से कभी कोई झगड़ा या फिर कोई मुकदमा इसके बाद भी बगैर जांच-पड़ताल के यह कार्रवाई करने से असमंजस में पड़े शरीफों को जमानत करानी पड़ रही है।
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ट्रेन से पानी लेने के लिए उतरी, प्लेटफॉर्म पर
ओडिशाकीरहनेवाली27सालकीएकमहिलाबेहदबुरीहालतमेंपटनामेंमिली।कपड़ेभीउसकेशरीरपरसहीतरीकेसेनहींथे।उसकीहालतदेखकरअंदाजालगायाजारहाथा […]
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Twitter War: डॉ हर्षवर्धन ने पूछा- दिल्ली के
नईदिल्ली:दिल्लीकेमुख्यमंत्रीअरविंदकेजरीवालऔरकेंद्रीयमंत्रीडॉहर्षवर्धनकेबीचट्विटरवॉरछिड़गयाहै.दोनोंनेताओंनेएकदूसरेपरजमकरआ […]
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इंसान के भेष में घूमते दरिंदों से कैसे महफूज़
लिखतेवक़्तहाथकांपरहेहैं,दिलमेंअजीबसीबेचैनीहै.डर,गुस्सा,नाराज़गी,फिक्र,असुरक्षा,इतनेसारेइमोशनएकसाथ.येइसलिएक्योंकिअबदिमागस […]
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