यूक्रेनपररूसकेआक्रमणकेबादभारतऔररूसकेपुरानेरिश्तेफिरसेचर्चामेंहैं,ख़ासकरदोनोंदेशोंकेबीचकेरक्षासंबंधकोलेकरखूबबातेंहोरहीहैं.भारतकीवित्तमंत्रीनिर्मलासीतारमणनेअप्रैलमेंअमेरिकाकीयात्राकेदौरानकहाथाकिभारतचाहताहैकिवोपश्चिमीदेशोंका'अच्छामित्र'बनारहे.
लेकिनउन्होंनेयेभीकहाकिभारतनहींचाहताकिवोकमज़ोरपड़जाएऔरउसेअपनीसुरक्षाभीसुनिश्चितकरनीहै.इसकेयेमायनेभीनिकालेगएकिभारतकीरूसपरअपनीसुरक्षाज़रूरतोंकेलिएलंबेसमयसेचलीआरहीनिर्भरताआगेभीजारीरहेगी.
भारतदुनियाकेसबसेबड़ेहथियारख़रीदारोंमेंशामिलहैऔरपूर्वसोवियतसंघकेसाथभारतकेदशकोंसेमज़बूतरक्षासंबंधथे.1990केदशकमेंसोवियतसंघकेविघटनकेबादभीरूसभारतकाअहमरक्षासहयोगीबनाहुआहै.भारतकीपाकिस्तानकेसाथपुरानीदुश्मनीहैऔरचीनकेसाथरिश्तेहालियावक़्तकेसबसेबुरेदौरसेगुज़ररहेहैंऐसेमेंरूसकेसाथभारतकारिश्ताबेहदअहमहै.
भारत-रूसहथियारसमझौतेकोट्रंपक्योंनहींरोकपाए?अमेरिकानेरूसीहथियारोंकोलेकरभारतकोफिरकियाआगाह
दुनियाभरमेंहथियारोंकीख़रीद-फ़रोख़्तपरनज़ररखनेवालीसंस्थास्टॉकहोमइंटरनेशनलपीसरिसर्चइंस्टीट्यूट(सिप्री)केमुताबिक़,1992केबादसेभारतनेजितनेभीहथियारख़रीदेउनमेंसेदो-तिहाईरूससेआएहैं.
वहींअमेरिकास्थितशोधसंस्थानस्टिमसनसेंटरकेमुताबिक़,भारतकेपासमौजूदकुलहथियारोंमेंसे85फ़ीसदीरूससेख़रीदेहथियारहोसकतेहैं.इनमेंलड़ाकूविमान,परमाणुपनडुब्बियां,विमानवाहकयुद्धपोत,टैंकऔरअतिउन्नतमिसाइलेंशामिलहैं.
पिछलेएकदशकमेंभारतकीरूसकेहथियारोंपरनिर्भरताकमहुईहैऔरअन्यदेशोंसेभीहथियारख़रीदेगएहैं,ख़ासतौरपरफ़्रांससे.इसकेअलावाइसराइल,अमेरिकाऔरब्रिटेनसेभीभारतनेहथियारख़रीदेहैं,लेकिनइनहथियारोंकीमात्राकमहै.
सिप्रीकेआंकड़ोंकेमुताबिक़,भारतने2017केमुक़ाबले2021मेंफ्रांस,अमेरिकाऔरइसराइलसेदोगुनेहथियारख़रीदे.हालांकिअभीभीरूसहीभारतकामुख्यआपूर्तिकर्ताबनाहुआहै.
भारतनेफ़्रांससेराफ़ेलऔरमिराज़लड़ाकूविमानऔरस्कॉर्पियनपनडुब्बियांख़रीदीहैं.
हालमेंप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीजबफ़्रांसमेंराष्ट्रपतिइमैनुएलमैक्रोंसेमिलेतोदोनोंनेताओंनेसाझाबयानमेंकहाकिभारतऔरफ़्रांसनेरक्षाक्षेत्रमेंअपनासहयोगऔरमज़बूतकियाहै.एडवांसडिफेंसटेक्नोलॉजीमेंभीसहयोगबढ़ानेपरसहमतिबनीहै.
इसीतरह,इससालअप्रैलमेंजबब्रिटेनकेप्रधानमंत्रीबोरिसजॉनसनभारतआए,तोदोनोंदेशोंनेसुरक्षासंबंधमज़बूतकरनेऔरअतिउन्नतफ़ाइटरजेटतकनीकमेंसहयोगबढ़ानेपरज़ोरदिया.
भारतनेहालकेसालोंमेंइसराइलसेभीउन्नतहथियारख़रीदेहैं,जैसेकि…
ड्रोनइक्विपमेंट
एयरबोर्नवार्निंगसिस्टम
एंटीमिसाइलडिफ़ेंससिस्टम
प्रेसिज़नगाइडेडमिसाइल
वहींअमेरिकाकेसाथभीभारतकेसैन्यऔरसुरक्षासंबंधमज़बूतहोरहेहैं.2018-19केबीचदोनोंदेशोंकेबीचरक्षाकारोबारमेंभीउल्लेखनीयबढ़ोतरीहुईहै.
भारतनेअमेरिकासेलंबीदूरीकेटोहीविमानख़रीदेहैं.इसकेअलावा,मालवाहकविमानसी-130ख़रीदाहै.भारतनेइसकेअलावाअमेरिकासेमिसाइलेंऔरड्रोनभीख़रीदेहैं.
हालहीमेंपेंटागनकीतरफ़सेजारीबयानमेंकहागयाथाकिभारतऔरअमेरिकास्पेसडिफेंसऔरसाइबरसुरक्षाक्षेत्रमेंभीसहयोगबढ़ारहेहैं.
भारतऔररूसक्या-क्याख़रीदते-बेचतेहैंरूसयाअमेरिका-दुनियाकेहथियारोंकेबाज़ारमेंसबसेबड़ाखिलाड़ीकौन
हालकेसालोंमेंअंतरराष्ट्रीयराजनीतिऔरकूटनीतिमेंकईबदलावआएहैंऔरभारतफ़्रांस,अमेरिकाऔरइसराइलजैसेदेशोंकेक़रीबआयाहै.इसकेबावजूदभारतनेयूक्रेनपरहमलेकोलेकररूसकीआलोचनानहींकी.भारतनेयेस्पष्टकियाकिइससंघर्षमेंवोकिसीकापक्षनहींलेगा.
कईविश्लेषकयेमानतेहैंकिइससमयभारतकेपाससख़्तप्रतिबंधोंकासामनाकररहेरूसपरनिर्भरताकमकरनेकाविकल्पहैं.
स्टिमसनसेंटरमेंडिफेंसऔरसिक्योरिटीएक्सपर्टसमीरलालवानीकहतेहैंकिभारतनेरूससे2018मेंजोसतहसेआसमानपरमारकरनेवालामिसाइलडिफेंससिस्टमएस-400ख़रीदा,उसकेकुछहीहिस्सेभारतकोमिलेहैं.अबउसकेअहमपुर्जेभारतकोमिलनेमेंदिक़्क़तेंआसकतीहैं.
लालवानीकहतेहैं,"येमाननेकेकईठोसकारणहैंकिरूसभारतकोबेचेगएएस-400सिस्टमकीआपूर्तिकरनेकीअपनीज़िम्मेदारीपूराकरनेमेंनाकामसाबितहोसकताहै."
परमाणुहथियारकेइस्तेमालपरभारतनीतिबदलरहाहै?इनहथियारोंसेक्योंपरेशानहैभारतीयसेना
लालवानीकहतेहैंकियूक्रेनमेंजिसतरहसेरूसकोभारीनुक़सानहुआ,उससेयेसंकेतमिलताहैकिरूसभारतकीज़रूरतेंपूरीकरनेकेबजाएसंसाधनोंकाइस्तेमालअपनेडिफेंससिस्टमकीमरम्मतमेंकरेगाऔरभारतकोजिनकल-पुर्जोंकीज़रूरतहोगी,वोशायदसमयपरनमिलपाएं.
वोयेभीकहतेहैंकिजिसतरहसेयूक्रेनकेयुद्धकेमैदानमेंरूसकेकुछउपकरणनाकामहुए,उनपरभीभारतकेनीतिनिर्माताओंकीनज़रहोगी.
इससमयइसकीसंभावनाकमहीदिखतीहै.पिछलेसालअक्टूबरमेंजारीहुईअमेरिकाकीएकसंसदीयरिपोर्टमेंकहागया,"भारतकीसेनारूसकेहथियारोंकेबिनाप्रभावीरूससेकामनहींकरसकती.औरभारतीयसेनानिकटभविष्यमेंरूसकेहथियारोंपरहीनिर्भररहेगी."
इसरिपोर्टमेंयेभीकहागयाकिरूसअपनेहथियारआकर्षकदामोंपरबेचताहै.
चीनऔरपाकिस्तानकेपासज़्यादापरमाणुहथियार,भारतकेलिएचिंताकासबब?क्याभारतस्वदेशीहथियारोंकेदमपरयुद्धजीतसकताहै?
दिल्लीसेप्रकाशितएविएशनएंडडिफेंसयूनिवर्सकीएडिटरसंगीतासक्सेनाकहतीहैंकिभारतकीसेनारूससेहीहथियारख़रीदनाजारीरखेगी.
वोकहतीहैंकिइसकीएकवजहसिर्फ़येनहींकिभारतीयसैनिकरूसीहथियारोंकाइस्तेमालकरनाजानतेहैं,बल्किएकबड़ीवजहयेभीहैकिभारतऔररूसअच्छे-बुरेसमयमेंएक-दूसरेकेदोस्तरहेहैंऔरयेबातसाबितहोतीरहीहै.
हालांकिवोकहतीहैंकिभारतघरमेंहीहथियारबनानाऔरअपनेरक्षाउद्योगकोबढ़ावादेनाचाहताहै.भारतअपने'मेकइनइंडिया'प्रोजेक्टकेतहतभीदेशमेंहीघरेलूस्तरपरहथियारबनानेपरज़ोरदेरहाहै.
सक्सेनाकहतीहैं,''भारतहरउसदेशसेहथियारख़रीदेगाजोउसेसबसेउचितयासबसेअच्छेदामपरहथियारबेचनेकीपेशकशकरेगा.फिरचाहेवोरूसहोयाकोईऔरदेश.''
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