विधर्मियों से ¨हदू समाज को सचेत करना लक्ष्य : जगन्नाथ

झुमरीतिलैया(कोडरमा): विश्वहिन्दूपरिषदझारखंडप्रांतकार्यसमितिकीबैठककाशुभारंभझुमरीतिलैयाकेशिववाटिकासभागारमेंशनिवारकोकेंद्रीयउपाध्यक्षजगन्नाथशाहीनेदीपप्रज्जवलितकरकिया। उद्घाटनसत्रकोसंबोधितकरतेहुएकेंद्रीयउपाध्यक्षजगन्नाथशाहीनेकहाकिकार्यकर्ताकाउमंगफलदायकहोताहै।व्यक्ति,शासन,प्रशासनतथाजनप्रतिनिधियोंकोस्पष्टधारणाहोनीचाहिएकिहमारीराष्ट्रभक्तिक्याहै?हमारेराष्ट्रकाआधारक्याहै?आजकेपरिपेक्ष्यमेंसनातनीसंस्कारकोसमाजमेंमिटानेकाकार्यकियाजारहाहै।धर्मांतरण,गोरक्षा,रो¨हग्याबांग्लादेशीघुसपैठ,लवजिहाद,मठमंदिरोंपरबुरीनजररखनायहआमबातविधर्मियोंकेलिएहोताचलाजारहाहै।चौदहसौवर्षपहलेतलवारलेकरआएलोगधर्मकाप्रसारनहीं,बल्किभूमिविस्तारकास्वप्नदेखकरआयेथे।ढाईसौवर्षपूर्वआएलोगव्यवसायनहीं,बल्किइसदेशमेंअपनातंत्रविकसितकरनेआएथे।तथाकथितधर्मनिरपेक्षवादवालेलोगोंकोसदैवविधर्मियोंकासहयोगमिलतारहाहै।उन्होंनेयुवाओंसेकहाकिकेसरियाहमारालक्ष्यहै,यहदेशसमाजकेलिएकुछकरनेकासंदेशदेताहै।आवश्कतापड़नेपरस्वयंकोसमाजकेलिएबलिदानदेनेकीभीप्रेरणादेताहै।1889मेंस्वामीविवेकानंदजीनेकहाथाजोहिन्दुत्वकोछोड़करअन्यसंप्रदायकीधारामेंबहगएहैं,वैसेलोगोंकोघरवापसकरनाचाहिए।उसदिशामेंविश्वहिन्दूपरिषदअग्रसरहै।बैठककीअध्यक्षतारहेकररहेयोगेन्द्रसिन्हानेकहा¨हदूसमाजकोसंगठितकरनाहीविश्वहिन्दूपरिषदकामुख्यलक्ष्यहै।उन्होंनेकहासैकड़ोंवर्षपराधीनताकेबादस्वाधीनराष्ट्रमेंजोलोगोंकीमानसिकतामेंपरिवर्तनआनाचाहिएथा,वहनहींआपायाथा।विगतवर्षोंमेंविश्व¨हदुपरिषदनेउसप्राचीनसंस्कृतिकेपुनर्जागरणकाकार्यकररहीहै।बैठककीअध्यक्षताकार्याध्यक्षयोगेंद्रनाथसिन्हानेकी,जबकिसंचालनप्रांतमंत्रीडॉक्टरवीरेंद्रसाहूनेकिया। बैठकमेंक्षेत्रमंत्रीवीरेन्द्रविमल,क्षेत्रसंगठनमंत्रीअकारपु केशवराजू,उपाध्यक्षध्रुवदेवतिवारी,गंगाप्रसादयादव,सुभाषनेत्रगांवकर,सहमंत्रीमनोजपोद्दार,विजयपांडेय,विरेन्द्रयादव,रंजनसिन्हा,रामनरेश¨सह,कोडरमाअध्यक्षअरविन्दकुमार¨सह,कोडरमामंत्रीअजयकुमारवर्मा,प्रांतबजरंगदलप्रांतसंयोजकदीपकठाकुर,कृष्णाचैतन्यब्रह्माचारी,विजयशंकर,हजारीबागविभागमंत्रीमनोजचंद्रवंशी,हजारीबागविभागअध्यक्षसचिदानंदप्रसाद,संजयचौरसिया,संजय¨सह,दीपकमंडल,डॉक्टरनरेशकुमारपंडितदीनानाथपांडेय,रामनरेशचौधरी,सत्येन्द्रसिन्हा,प्रवीणचन्द्रा,उज्ज्वलरंजन,अविनाशकुमार,नीरज¨सह,संजयतर्वे,सुनीलदास,राजेशराज,पप्पूकुमार,संजयगुप्ता,चंदनपांडे,दीपकशर्मा,रंजीतगुप्ताआदिउपस्थितथे।