मनीषअसाटी,टीकमगढ़। मनीषअसाटी,टीकमगढ़।ज्ञानबिनाहरव्यक्तिअधूराहै।व्यक्तिकोसंपूर्णकरनेकामाध्यमहमारेशिक्षकबनतेहैंजोअपनेपठन-पाठनकेनए-नएतरीकोंसेहमारेदिमागकीकुंजीखोलतेहैं।हरशिक्षककेपढ़ानेकातरीकामौलिकहोताहैलेकिनहरकिसीकासपनाविद्यार्थीकीमौलिकताकोबाहरलानाहोताहै।
देशकेऐसेहीकईशिक्षकोंकोराष्ट्रीयशिक्षकसम्मानकेलिएचुनागयाहैजिन्होंनेनसिर्फअपनेतरीकोंसेशिक्षणकीदुनियामेंअलगजगहबनाईबल्किविद्यार्थियोंकेबेहतरपरिणामोंकेजरिएउनकेबीचप्रियशिक्षककीउपाधिभीपाई।आजसेएकपखवारेतकहमारेशिक्षकअभियानकेतहतहमऐसेहीएकशिक्षककीकहानीबताएंगे।आजबातराष्ट्रीयशिक्षकसम्मानसेपुरस्कृतऐसेहीशिक्षकसंजयकुमारकी।
मध्यप्रदेशकेटीकमगढ़मेंएकऐसास्कूलहै,जहांपत्थरोंपरउकेरेगएचित्रोंऔरशब्दोंसेबच्चेपढ़ाईकरतेहैं।प्राइमरीकेबच्चेफर्राटेदारअंग्रेजीकीकिताबपढ़तेहैं।बच्चोंकेसामान्यज्ञानकास्तरभीउच्चकक्षाओंजैसाहै।यहांकिएगएनवाचारोंसेजिलेकेडूडागांवकासरकारीस्कूलप्रदेशभरमेंमॉडलबनगयाहै।शून्यनिवेशकरहीशिक्षणप्रक्रियाकोरोचकबनादियागयाहै।यहांपेड़ोंपरशिक्षणसामग्रियांअंकितहैं।जगह-जगहचार्टलगेहैं।शिक्षकसंजयकुमार जैनकीमेहनतसेस्कूलकाकोनाकोनाशिक्षणगतिविधियोंसेघिराहुआहै।
प्रोजेक्टरसहितलैपटाप:ऐसानहींहैकिस्कूलमेंकेवलपुरानीतकनीकसेहीबच्चोंकोपढ़ायाजारहाहैबल्कियहांप्रोजेक्टर,लैपटापसहितनवीनउपकरणोंकाप्रयोगशिक्षणमेंहोरहाहै।स्कूलप्रबंधननेयेसभीचीजेंबिनासरकारीमददकेसामाजिकसहयोगसेप्राप्तकीहैं।संजयकुमारजैननेबतायाकिस्कूलमेंपढ़नेवालेबच्चोंकेप्रदर्शनसेप्रसन्नहोकरजिलेकेसामाजिककार्यकर्ताओंनेबढ़-चढ़करस्कूलकीव्यवस्थाओंमेंसहयोगकियाहै।स्कूलमेंआईसीटीद्वाराआनंददायकतरीकेसेसीखनेकीतकनीकीकाउपयोगभीकियाजाताहै।
नवाचारकीप्रयोगशालाबनास्कूल:डूडागांवकेइसस्कूलमें87बच्चेअध्यनरतहैं।स्कूलअबनवाचारकोलेकरप्रयोगशालाबनचुकाहै।यहांवर्तमानमेंकरीब80प्रकारकेनवाचारोंद्वाराशिक्षणकार्यकियाजाताहै,जिसमेंपाषाण,चकरीखेल,अंग्रेजीचौपाल,पौधारोपणनवाचार,लगड़ीटांगखेलद्वाराबच्चोंको
अक्षरज्ञानकराना,कंकड़फेंकोजोड़करो,कार्डउठाओजगहबनाओसहितअनेकनवाचारशामिलहैं।
गांवकानिजीस्कूलहोगयाबंद:गांवमेंनिजीस्कूलसंचालितहोताथा,लेकिनइससरकारीस्कूलमेंनवाचारोंकेकारणबच्चोंकीरुचिबढ़गई।शिक्षकोंद्वाराबेहतरशिक्षाप्रदानकीजातीहै।इसकारणनिजीस्कूलसेबच्चेसरकारीस्कूलमेंएडमिशनलेनेपहुंचगए।
राष्ट्रपतिकरेंगेसम्मानित:स्कूलमेंदोशिक्षकसंजयकुमारजैनऔररितुभट्टपदस्थहैं,जबकितीनअन्यगांवकेशिक्षकअर्पितजैन,अदितिजैन,हेमंतकुमारजैननिशुल्कसेवाएंदेरहेहैं।शिक्षकसंजयकुमारजैननेबतायाकिवहस्वयंही1985-86मेंइसस्कूलमेंपढ़तेथे।बादमेंशिक्षकबननेकेबादस्कूलमेंपदस्थापनाहुईऔरफिरस्कूलकोबेहतरकरनेकीसोची।आजवहस्वयंकीमेहनतसेबेहदखुशहैं।स्कूलकोपांचबारकलेक्टरद्वाराअवार्डदियागया।शिक्षकसंजयकुमारजैनपिछलेसालमध्यप्रदेशकेराज्यपालद्वारासम्मानितकिएगएहैंजबकिअब5सितंबर2020कोदिल्लीमेंराष्ट्रपतिद्वाराराष्ट्रीयशिक्षकपुरस्कारसेसम्मानितकिएजाएंगे।
पत्थरोंसेपढ़रहेबच्चे:स्कूलकेशिक्षकसंजयकुमारजैननेबतायाकिस्कूलपरिसरमेंबड़े-बड़ेपत्थरऔरचट्टानेंधसीहुईंथीं।येस्कूलकीसुंदरतापरधब्बानजरआतीथीं,लेकिनहमलोगोंनेनवाचारकरतेहुएइनचट्टानोंपरअंग्रेजी,सामान्यज्ञान,हिंदी,गीत,गणितसहितअन्यशिक्षणसामग्रियोंकोरंग-बिरंगे तरीकोंसेसजाया।इससेबच्चेइसओरआर्किषतहुए।अबखेलतेसमयभीबच्चेयहांपरपढ़तेहैंयाउन्हींमेंकुछखेलभीतलाशलेतेहैं।