'स्कूल चलो अभियान' में मिले भोलू का टैलेंट देख उड़ गए टीचर्स के होश, 'बाल मजदूरी' छुड़वा भेजा स्कूल

दससालबीतगएऔरकभीभोलूनेस्कूलकामुंहनहींदेखा।महज6सालकीउम्रसेमेहनतमजदूरीकरवोपैसाकमानेलगा।वोस्कूलऔरकिताबोंकोबड़ेध्यानसेदेखता,कहींमौकालगजातातोबड़ेचावसेपढऩेभीलगता।अन्यबच्चोंकीतरहभोलूभीस्कूलजानाचाहताथा,लेकिनघरवालोंनेजानेहीनहींदिया।

'स्कूलचलोअभियान'केतहतजबटीचर्सकीटीमउसबच्चेसेमिली,तबउसकेटैलेंटकोदेखउसेस्कूललानेकाप्रयासशुरूकिया।इसदौरानबच्चेकेघरकईबारजाकरटीचर्सकोकाफीमेहनतकरनीपड़ी,तबजाकरभोलूस्कूलतकपहुंचा।जबभोलूदससालकीउम्रमेंपहलीबारस्कूलमेंपहुंचातोउसनेपहलेहीदिनक,ख,ग,घऔरए,बी,सी,डीफर्राटेदारढंगसेपढ़ातोटीचर्सभीउसकेटैलेंटकोदेखचकरागए।

परिवारनहींचाहताथाभोलूपढ़े

गोरखपुरजिलेकेप्राइमरीस्कूलअराजीबसडीलाकेटीचर्सआशुतोषसिंहनेबतायाकिसाल2012मेंभोलूकाजन्महुआ।उसकेमाता-पितादोनोंहीमजदूरीकरतेथे।जैसेहीभोलू5-6सालकाहुआउसेमजदूरीपरलगादियागया।भोलूकोशुरूसेहीऔरबच्चोंकीतरहपढ़नेकामनकरताथा।वोछुप-छुपकरपढ़ाईकरताथा।आजवोदससालकाहै,इससमयउसेक्लास6मेंहोनाचाहिएथा।लेकिनअभीहमलोगोंनेउसकाएडमिशनक्लास1मेंलियाहै।

अभीमुश्किलसेएकसप्ताहहुआहै,वोअपनीक्लासकासबसेतेजबच्चाबनगयाहै।उन्होंनेबतायाकिबार-बारहमारेस्कूलकीटीचरसंयोगितासिंहवअर्चनासिंहउसकेघरपरजातीथीं।उसकेघरवालेयेबोलतेकिकलभेजेंगेस्कूल,लेकिनभेजतेनहींथे।

करीब15बारटीचर्सनेउसकेघरकीदौड़-भागकीतबजाकरवोस्कूलअबरेग्युलरआनेलगाहै।टीचर्सकाकहनाहैकिउसकादिमागबहुततेजहै,कुछभीबताओउसेफौरनकैचकरलेताहै।ऐसेहीलगातारपढ़तारहातोवोआगेचलकरकुछबड़ामुकामहासिलकरसकताहै।

फिरसेपढ़ेगीबिटिया

इसीतरहगोरखपुरजिलेकेएकस्कूलकीटीचर्सनेएकबच्चीजोदूसरोंकेघरोंमेंजाकरबर्तनधुलतीथी।उसेस्कूलफिरसेपहुंचायाहै।टीचरनेबतायाकिबच्चीपहलेस्कूलआतीथी,अचानकआनाबंदकरदी।मैंपतालगानेउसकेघरपहुंची,तोपताचलाकिउसकेघरवालेउसेकामपरलगादिएहैं।किसीतरहउसकेपरिवारकोसमझायातबजाकरवोएकबारफिरस्कूलआनाशुरूकी।

सामनेआरहेकईतरहकेमामले

हरबच्चास्कूलतकपहुंचे,इसकेलिए'स्कूलचलोअभियान'चलरहाहै।गोरखपुरकेसरकारीस्कूलोंकेटीचर्सअपने-अपनेइलाकेमेंजाकरलोगोंकोजागरूककररहेहैंकिवोअपनेबच्चोंकोस्कूलभेजें।अभियानमेंजानेवालेटीचर्सनेबतायाकिजोबच्चेमजदूरीमेंलगजातेहैं,उन्हेंस्कूलतकलानाटेंड़ीखीरहै।घरवालेभीबच्चोंसेपैसेपानेलगतेहैं।इसलिएवोनहींचाहतेकिउनकाबच्चापढ़े।

बच्चेइसलिएनहींआपातेस्कूल