शीतयुद्धकीसमाप्तिकेबादसेहीमानवाधिकारोंकोलेकरराष्ट्रीयसेलेकरअंतर्राष्ट्रीयस्तरतककीसियासतहोतीरहीहैफिरचाहेवोअमेरिकाकासीरियाऔरयमनजैसेदेशोंमेंसैन्य-कार्यवाहीकरनाहोयापाकिस्तानद्वाराजम्मू-कश्मीरमेंतथाकथितरूपसेमानवाधिकारोंकेहननहोलेकरघडियालीआंसूबहाना.गौरतलबहैकिमानवअधिकारसेतात्पर्यउनसभीअधिकारोंसेहैजोव्यक्तिकेजीवन,स्वतंत्रता,समानताएवंप्रतिष्ठासेजुड़ेहुएहैं.यहअधिकारव्यक्तिकोकिसीविशेषधर्म,जाति,समुदाय,लिंगयाराष्ट्रीयताकीवजहसेनहींबल्किउसकेमानवहोनेहीवजहसेदिएजातेहैं.इसीलिएइनकाहननकेवलकानूनीहीनहींबल्किनैतिकअपराधभीमानाजाताहै.नब्बेकेदशकसेपूरेविश्वमेंइसकोलेकरजागरूकताऔरबहसदोनोंउभरीहैजिसकीवजहसेसमाजकाकोईभीपहलुआजइससेअछूतानहींरहगयाहै.
भारतीयसंविधानमेंभीमानवाधिकारोंकोपर्याप्तमहत्वदियागयाहै.यहसभीअधिकारभारतीयसंविधानकेभाग-तीनमेंमूलभूतअधिकारोंकेनामसेवर्णितकिएगएहैंऔरन्यायालयोंद्वाराप्रवर्तनीयहै,जिसकी'भारतीयसंविधान'नकेवलगारंटीदेताहै,बल्किइसकाउल्लंघनकरनेवालोंकोन्यायलयदंडभीदेतीहै.वैसेतोभारतमें28सितंबर,1993सेमानवअधिकारकानूनअमलमेंलायागयाथाऔर12अक्टूबर,1993में'राष्ट्रीयमानवाधिकारआयोग'कागठनकियागयाथा,लेकिनसंयुक्तराष्ट्रमहासभाद्वारा10दिसंबर1948कोघोषणापत्रकोमान्यतादिएजानेपर10दिसंबरकादिन‘मानवाधिकारदिवस’केलिएनिश्चितकियागया.पूरेविश्वकीतरहभारतमेंभीकुछसमयपहले10दिसम्बरकोमानवाधिकारदिवसमनायागयाऔरहमेशाकीतरहमानवाधिकारोंकीरक्षाकोलेकरकईतरहकेसंकल्पलिएगए.दुर्भाग्यवशभारतमेंमानवधिकारोंकोलेकरउसतरहकीबहसएवंचर्चानहींहोतीजैसीहोनीचाहिए.जिसदेशमेंइतनीसामाजिक,आर्थिक,जातिगतएवंलैंगिकअसमानताएंहैंवहांपरमानवाधिकारोंकेप्रतिआमनागरिकोंकोसजककरनाकेवलसरकारकाकामनहींहोनाचाहिएऔरइसकेलिएनागरिकसमाज(सिविलसोसाइटी)कोभीअपनायोगदानदेनाहोगा.
लेकिनराज्यसरकारेंहीमानवाधिकारोंकोलेकरकितनीसजगहैंइसकाअंदाज़ाइसबातसेलगायाजासकताहैकिदेशकीसंसदद्वारा1993मेंमानवाधिकारक़ानूनलागुकरनेके25सालबादभीदिल्लीसमेतकईराज्योंमेंअभीतकराज्यमानवाधिकारआयोगतकस्थापितनहींकियेगएहैं.जिनराज्योंमेंहैंभीवहांपारदर्शिताकाइतनाअभावहैकिनतोइनकीवेबसाइटकोसमयपरअपडेटकियाजाताहैऔरनहीजनताकोइसकेबारेमेंजागरूककरनेकीदिशामेंकोईकदमउठायाजाताहै.बातअगरदेशकीराजधानीदिल्लीकीहीकीजाएतोअंग्रेजीसमाचारपत्रटाइम्सऑफ़इंडियाकीएकरिपोर्टकेमुताबिक2011मेंउत्तरप्रदेशमेंबाददिल्लीमेंसबसेअधिकमानवाधिकारहननकेमामलेसामनेआएथे.औरऐसाकोईपहलीबारनहींहुआथा.राष्ट्रीयमानवाधिकारआयोग(NHRC)की2010कीरिपोर्टमेंभी5,498मामलोंकेसाथदिल्लीदुसरेस्थानपरथा.सुप्रीमकोर्टभीसमय-समयपरइसकोलेकरचिंताज़ाहिरकरतारहाहै.
2015केएकआरटीआईकीजानकारीकेअनुसार,राष्ट्रीयमानवाधिकारआयोगद्वारावर्ष2010सेजनवरी2015तकदेशभरमेंमानवअधिकारउत्पीड़नके4,90,206मामलेदर्जकिएगएहैं.इससूचीमेंउत्तरप्रदेशऔरहरियाणाकेबाददिल्लीतीसरेनंबरपरहै,आयोगनेयहांमानवाधिकारउत्पीड़नकेकुल37,730मामलेदर्जकिएहैं.औरतोऔरराष्ट्रीयअपराधरिकॉर्डब्यूरो(एनसीआरबी)कीहालियारिपोर्टकेअनुसारसाल2014से2016केबीचपुलिसकर्मियोंद्वाराप्रताड़ितकरनेके63मामलोंकेसाथदिल्लीउत्तरप्रदेशकेबाददुसरेस्थानपरहै.हालाँकिइसअवधीमेंदर्जमामलोंमेंअभीतककिसीकोदोषीनहींठहरायागयाहै.ऐसेमेंयहज़रूरीहैकिदिल्लीमेंभीअन्यराज्योंकीतरहअपनाराज्यमानवाधिकारआयोगहोजोनागरिकोंकेहितोंकीरक्षाकरसके.इसकोलेकरकईप्रयासभीहुएहैंऔरघोषणाभीहुईहै,लेकिनउसकानतीजाक्याहुआहैयहकिसीकोपतानहींक्योंकिनकिसीअख़बारमेंइसकेबारेमेंकोईजानकारीआईहैऔरनहीइन्टरनेटमेंसर्चकरनेपरकोईजानकारी(आयोगकीवेबसाइट,उसकापता,उसकेसदस्यआदि)मिलतीहैजिससेइसनतीजेपरपंहुचाजासकेकिवाकईमेंदिल्लीराज्यमानवाधिकारआयोगकागठनहोचुकाहै.
दिल्लीराज्यमानवाधिकारआयोगस्थापनाकीरस्साकशी
दिल्लीमेंराज्यमानवाधिकारआयोगकीस्थापनाकेलिएकाफीसमयसेप्रयासरतसंगठन‘नेशनलह्यूमनराइट्सएंडक्राइमकण्ट्रोलब्यूरो’(NHRCCB)केराष्ट्रीयअध्यक्षरणधीरकुमारकहतेहैं,“दिल्लीमेंराज्यमानवअधिकारआयोगबनानेकोलेकरसिर्फसियासतहोतीहै,कामबिलकुलनहीं.इसकेलिएकेंद्रऔरराज्यदोनोंहीसरकारेंबराबरीसेज़िम्मेदारहैं.ऐसालगताहैजैसेकोईभीराजनीतिकपार्टीइसविषयकोगंभीरतासेनहींलेतीहै.दिल्लीकीजनताकीभलाईकेनामपरदिल्लीकोपूर्णराज्यकादर्जादिलानेकेलिएजिसतरहकासंघर्षकियाजारहाहै,दिल्लीकीजनताकेमानवाधिकारकीरक्षाकरनेकीलिएराज्यमावाधिकारआयोगकेगठनकोलेकरवैसीउत्सुकताऔरतत्परताक्योंनहींदिखाईजाती?”
दिल्लीराज्यमानवाधिकारआयोगस्थापनाकीरस्साकशी
इसीसंगठनकेराष्ट्रीयमहासचिवप्रवीणकुमारऔरगिरीशचंद्राकहतेहैं,“दिल्लीराज्यमानवाधिकारआयोगबनानेकेलिएहमनेकेंद्रएवंदिल्लीसरकारकोअनेकोंपत्रलिखेएवंवरिष्ठअधिकारीयोंसेमिलनेकेलिएसमयमाँगा.लेकिनकहींसेभीसंतुष्टिदायकजवाबनहींआया.इसबाबतहमनेसूचनाकेअधिकारकेतहतRTIभीडालाहैताकियहपताचलसकेकिक्यासचमेंदिल्लीसरकारनेकेंद्रसरकारकोइसविषयपरकोईपत्रलिखाहै?औरयदिलिखाहैतोउसपरकेंद्रसरकारद्वाराक्याकार्यवाहीकीगईहै.जबदिल्लीकीअपनीविधानसभाऔरहाईकोर्टहोसकतेहैंतोमानवाधिकारआयोगक्योंनहीं?”
वैसेदिल्लीराज्यमानावाधिकारआयोगगठनकीघोषणातोदिल्लीकेमुख्यमंत्री अरविंदकेजरीवालद्वारालगभगदोसालपहलेजनवरी2016मेंहीकीजाचुकीहै.इसकेलिएएकसमितिबनाईगयीथीजिसकेअध्यक्षजस्टिसउमानाथसिंहऔरसदस्यआमआदमीपार्टीकेनेताऔरसामाजिककार्यकर्त्ताराममंगलप्रसादकोबनायागयाथा.मई2016मेंइसीसेसम्बंधितमामलेकेऊपरसुनवाईकरतेहुएभारतकेमुख्यन्यायाधीशटी.एस.ठाकुरनेयहटिप्पणीकीथीकिजबबीसलाखकेआसपासकीसंख्यावालेमणिपुरऔरत्रिपुराजैसेराज्योंकेपासअपनेराज्यमानवाधिकारआयोगहोसकतेहैंतोएककरोड़सेभीअधिकजनसँख्यावालेदिल्लीकेपासक्योंनहीं?
मामलेकीसुनवाईकररहीबेंचनेकेंद्रकीतरफसेप्रस्तुतहुएअटॉर्नीजनरलकोकड़ीचेतावनीदेतेहुएयहकहाथाकियदिसरकारइससमस्याकासमाधाननहींनिकालतीहैतोमजबूरनअदालतकोराज्यमानवाधिकारआयोगकेगठनकाफैसलादेनापड़ेगा.अदालतनेअटॉर्नीजनरलकीयहदलील,किदिल्लीपूर्णरूपसेएकराज्यनहींअपितुएक‘केंद्रशाषितराज्य’है,कोभीख़ारिजकरतेहुएकहाथाकियदिऐसाहैतोइसकेपासअपनाहाईकोर्टऔरमहिलाआयोगक्योंहै?वैसेजुलाई2015मेंभीसुप्रीमकोर्टकीबेंचनेकेंद्रसरकारकोछहमहीनेकेभीतरआयोगस्थापितकरनेकेलिएकहाथा.तोइनसबकेबीचसवालयहहैकिआखिरआयोगबनाहैयानहीं?अगरबनाहैतोइसकीजानकारीसार्वजनिकक्योंनहींहैऔरअगरनहींबनाहैतोमामलाकहाँपरआकरफंसरहाहै?क्याइसकेलिएकेंद्रसरकारज़िम्मेदारहैयाराज्यसरकार?उम्मीदहैकिजल्दहीइनसवालोंकेजवाबमिलेंगेऔरदिल्लीकेलोगोकेमानवाधिकारोंकीरक्षाकेलिएजल्दहीराज्यमानवाधिकारआयोगकागठनकियाजाएगा.