कोटा से लौटे बच्चे बोले, जेल में कैद रहने जैसा था

खगड़िया।कोटासेगांव-घरलौटनेवालेछात्र-छात्राओंकेचेहरेपरखुशीहै।अभिभावकोंनेभीचैनकीसांसलीहै।जबतकबच्चेनहींलौटेथे,उन्हेंचितासतारहीथी।सतीशनगरगांवकेप्रियांशुकुमार,छोटीपैकातकेनीतीशकुमार,सन्नीकुमार,सावनकुमार,नेहाकुमारीगांवलौटचुकेहैं।प्रियांशुकुमारऔरनेहाकुमारीनेबतायाकिवेमेडिकलकीतैयारीकररहेहैं।लॉकडाउनलगतेहीउनलोगोंकीपरेशानीशुरूहोगई।हरहमेशातनावरहताथा।मकानमालिकभीचाहतेथेकिहमलोगबिहारलौटजाएं,लेकिनकोईसाधननहींथा।नीतीश,सन्नीऔरसावननेकहाकिलॉकडाउनकेबादलगरहाथाकिजेलमेंबंदहैं।अबआजादीमहसूसकररहेहैं।लॉकडाउनकापालनकरतेहुएहोमक्वारंटाइनकापालनकरेंगे।