किसान आंदोलन के प्रणेता थे स्वामी सहजानंद

मधुबनी।स्थानीयरीजनलसेकेन्डरीस्कूलकेसभागारमेकुमारअवधेशकीअध्यक्षतामेंस्वामीसहजानंदसरस्वतीजयंतीसमारोहकोसंबोधितकरतेहुएस्कूलकेनिदेशकरामश्रृंगारपांडेयनेकहाकिसहजानंदसरस्वतीकोएकव्यक्तिकेढांचेमेंबांधनान्यायोचितनहीं।उन्हेंएकविचारधारा,एकसामाजिकसरोकारकेलिएलड़नेवालाक्रातिदूतकहाजाएतोअतिशयोक्तिनहींहोगी।वेसमरससमाजकीस्थापनाकरनाचाहतेथे।समाजउनकेकृतित्वकोहमेशायादरखेगा।स्कूलकेप्राचार्यमनोजकुमारझानेकहाकिसमयसमयपरपृथ्वीपरमनीषियोंकाजन्महोताहैवैसेहीमनीषियोंमेंसहजानंदसरस्वतीथेजोएकस्पष्टवादीनेताथे।बालविज्ञानकांग्रेसकेजिलासमन्वयकसंतोषकुमारमिश्रनेकहाकिसमाजकीरीढ़किसानऔरमजदूरकेहितकीलड़ाईलड़नेवालेसहजानंदसरस्वतीहीथे।राजीवकुमारपांडेयनेकहाकिउन्होंनेजातिप्रथा,छुआछूतकेखिलाफभीआंदोलनचलाया।कुमारअवधेशनेअध्यक्षीयभाषणमेंकहाकिमहाशिवरात्रिकेदिनहीसहजानंदसरस्वतीकाजन्महुआथावेकिसानसंघर्षकेप्रणेताथे।उन्होंनेजमींदारीप्रथाकेविरूद्धआंदोलनचलायाथा।मौकेपरकोआर्डिनेटरप्रत्यूषपरिमल,केएमझा,धर्मेन्द्रकुमार,पवनतिवारी,पंकजकुमारआदिनेभीविचाररखे।