आदिवासीअंचलकोटड़ाकीमांडवास्कूलकोविश्वकेटॉप-100स्कूलोंमेंचुनागयाहै।शिक्षाजगतकीरैंकिंगकरनेवालीवैश्विकसंस्थाटी-4एजुकेशननेभारतसेकुल6स्कूलोंकाेचुनाहै।इसमेंराजस्थानसेएकमात्रमांडवाराजकीयउच्चमाध्यमिकविद्यालयहै।खासबातयहहैकियहउपलब्धिहासिलकरनेवालाकोटड़ाकादूसराविद्यालयहै।
पिछलेसालभीइंग्लैंडकीइससंस्थानेविश्वशिक्षासप्ताहकेतहतकोटड़ाकेआडीपीपलीरात्रिस्कूलकोचुनाथा।अब300बच्चोंसेभीअधिककेनामांकनवालेमांडवास्कूलकोचुनागया।यहइसलिएभीखासहै,क्योंकिआदिवासीबाहुल्यकोटड़ातहसीलकीसाक्षरतादर2011कीजनगणनाकेअनुसार27प्रतिशतहै।शिक्षाकेक्षेत्रमेंइसतहसीलकोहमेशाहाशियेपरसमझाजाताहै।
कभीबुनियादीसुविधाएंभीनहींथी,अबरोलमॉडलबनास्कूल
इसस्कूलमेंकभीबच्चोंकीअनियमितता,बैठनेकीव्यवस्था,पेयजलऔरकईवर्षोंपुरानेभवनकीसमस्याथी,लेकिनबुनियादीसुविधाओंमेंबदलावकेबादनामांकनकाफीबढ़ाहै।प्रिंसिपलमोहितकुमारनेखुदस्कूलकोसंवारा।सभीकीसामुदायिकभागीदारीऔरसहयोगसेआजमांडवास्कूलकोसाधनसंपन्नविद्यालयकीश्रेणीमेंरखाजासकताहै।
यहांविद्यार्थीकेंद्रितशिक्षण,विद्यार्थियोंकोआकर्षितकरतासुंदररेलगाड़ीकेडिब्बोंजैसाभवन,पानीऔरसेनिटेशनकीउचितव्यवस्थाहै।क्षमतालयफाउंडेशन,एजुकेटफॉरलाइफ,जतनसंस्थान,एनएसईफाउंडेशन,विप्रोफाउंडेशन,एडेलगिवफाउंडेशन,स्थानीयसमुदायकेसदस्य,जनप्रतिनिधि,शिक्षकों,नेताओं,अन्यसमाजसेवीसंस्थाओंकेसमर्थनऔरसहयोगात्मकप्रयासोंकेनेतृत्वकेकारणहीयहसंभवहोपाया।