चार साल काटी मलाई, अब केंद्र सरकार पूछ रही कमाई

वरुणयादव,गोंडा:केंद्रसरकारहरसालपंचायतोंकोविकासकार्यकरानेकेसाथहीपरिसंपत्तियोंकासृजनकरनेकेलिएबजटउपलब्धकरातीहै।योजनाकेतहतखुदकेसंसाधनोंसेकमाईकरनेवालीपंचायतोंकोहीपरफारमेंसग्रांटदेनेकीव्यवस्थाहै।बावजूदइसकेपंचायतेंहरसाललाखोंरुपयेतोखर्चकररहीहैंलेकिन,कमाईकेनामपरफूटीकौड़ीकाभीहिसाबनहींदेपारहीहैं।केंद्रसरकारकेग्रामीणविकासएवंपंचायतीराजमंत्रालयनेगतचारवर्षोंमेंत्रिस्तरीयपंचायतोंमेंकमाईकाहिसाबमांगाहै।विभागीयसूत्रकेअनुसारराज्यवकेंद्रसरकारसेअकेलेगोंडाजिलेकीपंचायतोंमेंकरीब16अरबरुपयेखर्चहुएहैं।डीपीआरओसभाजीतपांडेयनेसंबंधितअधिकारियोंकोजल्दसूचनाउपलब्धकरानेकानिर्देशदियाहै।

अलग-अलगबतानीहोगीकमाई

-त्रिस्तरीयपंचायतोंसेबीतेचारवर्षमेंखुदकेस्त्रोतसेहुईकमाईकाहिसाबदेनाहै।वित्तीयवर्ष2017-18,2018-19,2019-20व2020-21मेंहुईकमाईकाब्योरा31दिसंबरतकदेनाहै।ग्रामपंचायत,क्षेत्रपंचायतवजिलापंचायतकीसूचनाकेलिएअलग-अलगप्रारूपबनाएगएहैं।जिलापंचायतकीसूचनाअपरमुख्यअधिकारी,क्षेत्रपंचायतकीबीडीओवग्रामपंचायतोंकीकमाईकीजानकारीसंबंधितगांवकेसचिवसेमांगीगईहै।

सबसेज्यादाबजटग्रामपंचायतोंको

-विभिन्नयोजनाओंकेतहतसबसेज्यादाबजटग्रामपंचायतोंकोमिलताहै।केंद्रीयवित्तआयोगसेहरसाल1.31अरबरुपयेदिएजातेहैं।जबकिराज्यवित्तआयोगसे90करोड़आवंटितहोतेहैं।मनरेगाकेतहतभीऔसतनहरसालएकअरबरुपयेखर्चकिएजातेहैं।जिलापंचायतको30करोड़वक्षेत्रपंचायतको40करोड़प्रत्येकवर्षदेनेकीव्यवस्थाहै।

येहैंकमाईकेस्त्रोत

-पेड़वअन्यसंपत्तियोंकीनीलामी

-तालाबोंकामत्स्यपालनकेलिएपट्टाआवंटन

-पेयजलआपूर्तिपरलगनेवालाजलशुल्क

-दुकानसेमिलनेवालाकिराया