बिना शिक्षक के शिक्षा कैसे संभव

संवादसहयोगी,नगीना:नगीनाखंडकेअधिकतरस्कूलोंमेंबच्चोंकेभविष्यकेसाथखिलवाड़कियाजारहाहै।यहांअधिकतरऐसेस्कूलहैंजिनमेंपढ़नेकोते200या300बच्चेहैं,लेकिनपढ़ानेकेलिएएकयादोहीशिक्षकहैं।ऐसीहालतमेंबेहतरशिक्षाकेबारेमेंसोचनाभीपापहीहै।

स्कूलोंमेंअध्यापकोंकीकमी:

बलाई,बुखाराका,सरल,सुल्तानपुर,बनारसी,खेड़लीकला,शेखपुर,जरगाली,बाईखेड़ाआदिगांवोंकेस्कूलोंमेंकरीब200सेउपरबच्चेहैं।जिनपरकिसीस्कूलमेंदोअध्यापकहैंतोकिसीमेंएकसेहीकामचलारहेहै।

ंअभिभावकोंकीसुनें:

खेड़लीकलाकेरमेशचंद,थावरिया,खल्ली,धर्मवीर,असलम,रहीसनआदिनेबतायाकिहमारेगांवकेमिडिलस्कूलमेंकेवलएकहीअध्यापकहै।जिसपरकरीब200बच्चोंकाभारहै।सरकारकहतीहैकिहरियाणाशिक्षापरइतनेखर्चकरदिएहै।लेकिनखर्चकिसपरकिएहैं।जबस्कूलमेंअध्यापकहीनहीहै,कमरेहीनहीहैं,बच्चोंकेलिएकिताबेंहीनहींहै।तोसरकारइसरूपयेकोखर्चकहांपरकररहीहै।

इनस्कूलोंकीलिस्टबनाकरउपरभेजदीगईहै।जल्दहीइनस्कूलोंमेंअध्यापकआजाएंगे।सरकारइससमस्याओंकोजल्ददूरकरनेजारहीहै।

डॉ.अब्दुलरहमान,खंडशिक्षाअधिकारी।