बच्चों में अनुशासन और संस्कार की लौ जला रहे राजेश भारती

नवादा।करीबदससालपहलेकीबातहै।स्कूलमेंकुछविलंबहोजानेकेबादबच्चेअपनाघरलौटनेसेडरतेथे।लेकिनआजबच्चेपूरीलगनसेपढ़ाईकररहेहैं।शामकेछहभीबजजाएंतोउन्हेंघरलौटनेकीबेचैनीयाडरनहींहोती।नवाचारशिक्षाकेमाध्यमसेबच्चोंकोस्कूलसेजोड़नेमेंमहत्वपूर्णभूमिकानिभाईशिक्षकराजेशभारतीने।वेबच्चोंमेंअनुशासनऔरसंस्कारकीलौजलारहेहैं।इसकापरिणामहैकिआजसूबेकेमुखियानीतीशकुमारशिक्षकदिवसपरराज्यस्तरीयसमारोहमेंउन्हेंसम्मानितकरेंगे।राजेशभारतीसिरदलाप्रखंडकेनक्सलप्रभावितइलाकाउत्क्रमितमध्यविद्यालयहेमजाभारतमेंशिक्षकहैं।

मेहनतकरस्कूलकीबदलीदशा

-शिक्षकराजेशभारतीनेस्कूलकीदशामेंभीगुणात्मकसुधारलाया।आजविद्यालयकेशत-प्रतिशतबच्चेयूनिफॉर्ममेंस्कूलपहुंचतेहैं।उन्होंनेस्कूलकीचहारदीवारीकानिर्माणकराया।कुल2लाख75हजाररुपयेखर्चहुए,लेकिनइसमेंएकभीरुपयासरकारकानहींलगा।ग्रामीणोंऔरबच्चोंकेअभिभावकोंकेसहयोगसेइसकार्यकोपूराकिया।दोमहीनेपहलेसंकुलसमन्वयककीजिम्मेवारीमिलीतोउन्होंनेअपनेसंकुलसेजुड़ेविद्यालयोंमेंभीमेहनतकी।आजउससंकुलकेकईस्कूलोंकेबच्चेशत-प्रतिशतयूनिफॉर्ममेंहोतेहैं।नियमितऔरसमयपरविद्यालयसंचालन,चेतनासत्रमेंसुधारहुआ।लोहियास्वच्छबिहारअभियानमेंभीबढ़चढ़करभागलिया।

कर्तव्यबोधजरुरी

-राजेशकहतेहैंकिकेवलवेतनपरध्यानदेनेकीजरुरतनहींहै।कर्तव्यबोधभीहोनाचाहिए।सकारात्मकसोचकेसाथआगेबढ़नेपरसफलतानिश्चितमिलतीहै।उपलब्धसाधन-संसाधनकेजरिएभीबहुतअच्छाकियाजासकताहै।लोगशिक्षाकेमहत्वकोसमझें।

नाम-राजेशकुमारभारती।

शिक्षक-उत्क्रमितमध्यविद्यालयहेमजाभारत।

पिता-राजेंद्रभारती।

माता-राजकुमारी।

घर-सिरदलाचौक।

शिक्षा-तीनविषयोंमेंएमएकीडिग्री।